निहालपुर मुंडी के आस पास की सरकारी जमीनों पर कब्जे की रिपोर्ट किसने दबा दी?

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अर्जुन राठौर

निहालपुर मुंडी में कोई एकड़ सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामले सामने आए थे इसको लेकर पूर्व विधायक जीतू जिराती तथा नागदा के पूर्व विधायक दिलीप सिंह गुर्जर द्वारा विधानसभा में मामला भी उठाया गया था तब तत्कालीन मंत्री ने यह कहा था कि भोपाल से पूरे मामले की जांच करने के लिए टीम भेजी जाएगी बाद में टीम भी यहां पर आई उसने जांच भी की और उसको लेकर एक रिपोर्ट बनाई गई ।

लेकिन रिपोर्ट ठंडे बस्ते में डाल दी गई जाहिर है कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले कॉलोनाइजरों ने सेटिंग करके इस मामले को दबा दिया जीतू जिराती ने अपनी शिकायत में यह कहा था कि किसानों से कॉलोनाइजरों ने जमीनें खरीदी लेकिन काकड़ की जो जमीन थी उसे तो सरकार ने इन्हें नहीं बेचा फिर इन जमीनों को टाउनशिप में कैसे शामिल किया गया।

उनका यह भी कहना था कि कॉलोनी में वॉल फेंसिंग तक सरकारी काकड़ पर बना ली गई है और तहसीलदार ने भी इसकी पुष्टि की है कुल मिलाकर यह पूरा मामला उस समय विधानसभा में भी उठा और विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष ने भी इस पूरे मामले को लेकर बेहद नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि अपर कलेक्टर की रिपोर्ट करने की जरूरत नहीं है भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजकर जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों तथा कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए ।

सवाल इस बात का है कि विधानसभा में मामला उठने और भोपाल से टीम आने के बाद भी सरकारी जमीनों पर आज भी कॉलोनाइजर का कब्जा बना हुआ है यदि इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह चाहे तो इस पूरे मामले में जांच करवा कर यह देख सकते हैं कि कई एकड़ में सरकारी जमीनों पर कब्जा कर लिया गया है जिनकी कीमत आज करोड़ों रुपए होती है ।