आयुष्मान योजना शायदा बी के लिए बनी वरदान, घुटनों के दर्द से मिली मुक्ति

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भोपाल : आयुष्मान भारत योजना 60 वर्षीय शायदा बी के लिए वरदान साबित हुई है। गरीब परिवार की शायदा बी पिछले 14 साल से घुटनों की तकलीफ से परेशान थी। रोजमर्रा का घरेलू काम करना भी मुश्किल हो रहा था। घुटनों के उपचार पर करीब सवा लाख रूपये का व्यय चिकित्सकों ने बताया था। आयुष्मान भारत योजना में शायदा बी का नि:शुल्क उपचार हुआ है। अब वे पूरी तरह से स्वस्थ है। उनका कहना है कि सरकार की आयुष्मान योजना गरीब तबके के लिये वरदान बनकर आई है।

नीमच जिले के बघाना निवासी शायदा बी के पति आबिद हुसैन ने बताया, कि ‍परिवार में चार सदस्य हैं, जो मजदूरी करते हैं। तीन से चार हजार महीना कमा पाते हैं। महँगाई को देखते हुए इलाज करवाना बहुत मुश्किल था। इलाज के लिए शायदा को कई अस्पताल में ले गए। उनके घुटने के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर ने एक लाख 25 हजार का खर्च बताया, जिसका खर्च उठा पाना उस परिवार के लिए सम्‍भव नही था।

शायदा बी को जब जिला चिकित्सालय नीमच में लाए, तो आयुष्मान कक्ष में आयुष्मान समन्वयक श्री सुरेन्द्र सिंह, आयुष्मान मित्र श्री उदय सिंह एवं श्री यशवंत दांगी ने उन्हें आयुष्‍मान योजना के बारे में जानकारी दी और आयुष्मान भारत योजना में शायदा बी की पात्रता जाँच की। योजना में पात्र होने पर नीमच जिले के निजी अस्पताल चौधरी नर्सिंग होम में रेफर किया गया। दो मार्च 2021 को शायदा बी का चौधरी नर्सिग होम नीमच में सीनियर चिकित्सक डॉ. पवन ओझा ने इलाज किया।

आयुष्मान योजना के तहत शासन से निर्धारित पैकेज में घुटना प्रत्यारोपण के लिए 80 हजार नियत किया गया है। इसमे शायदा बी का पूरी तरह से केसलेश इलाज कर दवाईयाँ भी दी गईं। आबिद हुसैन ने बताया कि शायदा बी अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्‍हें चलने फिरने में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि आयुष्‍मान योजना गरीबों के लिए वरदान है।