मेरे कोरोना जनजागृति अभियान के अनुभव

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अनिलकुमार धड़वईवाले

# मित्रो ,,,
दो दिन पहले की ही बात है। मैं यह सोंच रहा था कि कोरोना महामारी के इस फिर से बढ़ते भयावह प्रकोप में जनहित में अपन क्या कर सकते है ? अपना सामाजिक दायित्व का निर्वाह किस तरह कर सकते है ? तभी ईश्वरीय कृपा से एक बात सामने आयी। बस, फिर क्या था। मैंने तुरंत ही मार्केट से इलेक्ट्रॉनिक आईटम के जानकार दोस्त के जरिये एक ध्वनि विस्तारक यंत्र खरीदा। बाद में लगे हाथ फोटोकॉपी
शॉप से “”कोरोना जनजागृति अभियान ” कलरफोटो कॉपीज निकलवा ली।

उसे वहीं पर कार्ड शीट पर चिपकाया। फिर जरूरी रिकार्डिंग भी व्यवस्थित करवा ली। कुछ आत्मीयजनों के समक्ष 5- 10 मर्तबा उसकी ट्रायल भी कर ली।कुछ करीबी दोस्तों ने यह भी कहा कि अनिल, अब आप सीनियर सिटीजन हो चुके हो। पहले स्वयं का ख्याल करें। तब मैंने यहीं का कि मैं कोविड गाईड लाईन का लिटररी पुरी तरह पालन करता हूँ। किसी तरह की लापरवाही नही बरतता। और फिर अपन तो अब 60 के बाद बोनस की जिंदगी जी रहे है नां , दोस्त ? थोड़ा- बहुत अच्छा काम करके निकल लेंगे। उसके बाद मैने ध्वनिविस्तारक यंत्र और दोनों कार्ड शीट अपनी स्कूटी पर फिट करवा लिये। और फिर रेकॉर्डिंग चालू करके शहरभर घूमना शुरू कर दिया। सच मानिये। पढ़े-लिखे- उच्चशिक्षित / अनपढ़- अल्पशिक्षित लोगों के साथ ही अमीर और निर्धन, फुटपाथ पर बैठकर छोटा- मोटा कारोबार करनेवाले लोगो से मुझे अच्छा प्रतिसाद मिला।

इनमे से जिन लोगो ने माक्स नही लगाया था। उन्होंने ने मेरी आवाज सुनते ही मुस्कुराते हुए अपने चेहरे पर नाक के ऊपर तक माक्स लगा लिये थे और हाथ हिलाते हेलो और थेंक्स भी बोले । जिनके पास माक्स नही थे । उन्हें मैंने अपनी ओर से माक्स दिये। वे भी खुश हो गये।आप इस बात पर विश्वास रखे कि इस काम से मुझे बहूत सुकून और गजब की आनंद की अनुभूति हुई।अगले दिन इंदौर प्रेस क्लब भवन परिसर में ” इंदौर के जिलाधीश मनीष सिंह और डीआयजी कपूरिया की प्रेस से मुलाकात” कार्यक्रम के बाद इन दोनों सक्रिय अधिकारियों ने मेरे इस उपक्रम को बहुत सराहा। हालांकि मै आत्मप्रचार

-झांकिबांजी-सराहना प्राप्ति के लिये ये कार्य नही कर रहा हूँ। ये सबकुछ मुझे भगवान ने बहुत दे दिया है। यह कार्य मैं इसे समाज के प्रति अपना कर्तव्य मानकर ही कर रहा हूँ। मैं स्वस्थ रहते इस तरह के सामाजिक कार्य ओर करता रहूं । इसके लिये मुझे सिर्फ आपसे आपकी हृदयपूर्वक दुवाऐ – शुभकामनाएं अपेक्षित है। मिलेगी नां, मित्रो ??
मोबा. फोन द्वारा दुवाएं मिलेगी तो हिम्मत ज्यादा बढ़ेगी मेरी।