कहो तो कह दूँ – छक कर पी लो दरूओ , न जाने कब ठेके बंद हो जाएँ

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चैतन्य भट्ट

आखिर जिसका डर था बेदर्दी वही बात हो गयी, प्रदेश की पूर्व मुख्य मंत्री उमा भारती जी ने “महिला दिवस” पर अपना नशा मुक्ति अभियान शुरू कर दिया है l अब वे प्रदेश भर में घूम घूम कर लोगों को शराब न पीने की सलाह देंगी और प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री यानि अपने मामाजी से मांग करेंगी कि प्रदेश में शराब बंदी कर दी जाए , जाहिर सी बात हैं जब उमा भारती कह रही हैं तो आज नहीं कल मामाजी को उनकी बात मानना ही पड़ेगी और “खुदाना खास्ता” यदि प्रदेश में शराबबंदी हो गयी तो इन दरुओं का क्या होगा इसको लेकर अपने को बड़ी चिंता हैl

जो सुबह का कुल्ला ही दारू से करते है यदि शराब बंदी हो गयी तो वो तमाम बाते यादों में ही रह जाएंगी कि कैसे हम दारू के ठेके पर नमकीन के साथ दारू गले में उड़ेलते थे, नमकीन अवेलेबल नंही होती थी तो नमक के सहारे ही गटक लेते थे, यदि अहाता में जगह न मिली तो किसी नाले या नाली की पुलिया को ही “बार” समझ कर वंहा महफ़िल जमा लेते थे, कैसे बोतल गटक कर टुन्न हो जाते थे, कैसे कितने ही नशे में हों लेकिन जैसे ही पुलिस आती थी कैसे पूरा नशा हिरन हो जाता था, कैसे दिन भर की कमाई ठेके वाले की जेब में डाल देते थे ,

यदि सचमुच मामाजी ने उमा जी की बात मान ली तो क्या होगा ये ही सोच सोच कर दरुओं का दिल बार बार धड़क रहा है कि कैसे अपनी जिंदगी के बाकी बचे दिन गुजारेंगे, कैसे शाम गुजरेगी, समझ में नहीं आ रहा है, कितना बड़ा संकट खड़ा कर दिया है उमा जी ने दरुओं के सामने वे बार बार एक दूसरे से एक ही बात पूछ रहे हैं कि आखिर उन्होंने उमा जी का क्या बिगाड़ा है जो वे हाथ धोकर उनके पीछे लग गयी है ” सुरापान” तो जब से धरती बनी है तब से चल रहा हैं यंहा तक कि देवता हों या असुर सब सुरापान करते थे राजा महाराजा भी “सकियों” के हाथों से सुरापान करते थे l

अंग्रेज तो हर रोज दो दो पेग लेते ही हैं यानि ऐसा कौन हैं जो दारू नहीं पीता है तो अपने प्रदेश के लोगों पर ही ऐसा जुल्म करने पर क्यों विचार हो रहा है l दरुये भारी परेशान और चिन्तित हैं कि यदि ठेके और अहाते बंद हो गए तो उनकी जिंदगी में बहुत बड़ा ठहराव सा आ जाएगाl अभी तो शाम होते होते ठेके आबाद हो जाते हैं कच्ची, पक्की, देशी, विदेशी किसी भी दुकान पर चले जाओ जबरदस्त भीड़ भाड़ दिखाई देतीं है लेकिन सरकार ने यदि उमा जी की बात मान ली तो ये तमाम ठेके और दुकानें सूनी हो जाएंगी l कव्वे उड़ने लगेंगे इन रंगवबिरंगी दुकानों और ठेकों पर l जैसे मशहूर शायर बशीर बद्र ने कहा है “उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो ना जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए” उसी तर्ज पर अपनी प्रदेश भर के दरुओं को एक ही सलाह है कि “शराब बंदी के पहले छक कर पी लो न जाने किस शाम ये ठेके और अहाते बंद हो जाए”

जो तुम को हो पसंद

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह विधान सभा में “पेंट शर्ट” पहन का क्या पंहुचे नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख़्यमंत्री कमलनाथ उन पर “फ़िदा” हो गए, मुस्कुरा कर बोले इसमें आप अच्छे लगते हो, मामाजी भी कोई कम हाजिर जवाब तो है नहीं उन्होंने भी पलट कर कह दिया “आपको पसंद है तो मै ऐसा ही रहूंगा” वैसे मामाजी कम ही पैन्ट शर्ट पहनते है उनको मालूम है कि नेताओ पर कौन से पोशाक फिट बैठती है इसलिए वे वो ही धारण करते हैं लेकिन कई बार एक ही तरह के कपडे पहन पहन कर इंसान बोर भी तो हो जाता है तो मामाजी ने पेंट शर्ट धारण कर लिए जो कमलनाथ जी को इतने ज्यादा पसंद आ गए कि उन्होंने अपने मन की बात कह ही दी कि आप इसमें अच्छे लगते हो,

अब जांच इस बात की होना चाहिए कि कमलनाथ जी को शर्ट का रंग पसंद आया या उसकी डिजाइन l पेंट कौन सी कंपनी का था ये भी देखना जरूरी है, मुख्यमंत्री पर पूरी तरह फिट बैठ रहा था तो रेडीमेड था कि किसी दरजी ने सिला था और सिला था तो किस दरजी ने सिला था, ये सारी बाते कमलनाथ जी को पता लगानी होंगी, वैसे वे तो हमेशा कुर्ता पायजामा ही पहनते है लेकिन हो सकता है कि मामाजी के पेंट शर्ट देखकर उनका भी मन ललचा गया हो कि वे भी किसी दिन पेंट शर्ट पहन लें और इसलिए उन्होंने इशारा कर दिया कि पेंट शर्ट में मुख्यमत्री जी अच्छे लग रहे हैं ताकि यदि किसी दिन वे पेंट शर्ट में आ जाएँ तो किसी को अचरज नहीं होना चाहिए l

सुपर हिट ऑफ़ द वीक

“तुम बहुत प्यारी लगती हो” श्रीमान जी ने श्रीमती जी से कहा

“थैंक्स” श्रीमती जी ने कहा

“तुम बिलकुल राजकुमारी जैसी लगती हो” श्रीमान जी ने फिर कहा

“थैंक यूं सो मच और बताओं क्या कर रहे हो” श्रीमती जी ने खुश होकर पूछा

“मजाक” श्रीमान जी का उत्तर था