मोतीलाल वोरा और माधवराव सिंधिया की जोड़ी ने मध्य प्रदेश की राजनीति को बदल दिया था

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अर्जुन राठौर

 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा हमारे बीच अब नहीं है लेकिन सादगी पूर्ण व्यवहार तथा राजनीतिक सूझबूझ के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे । मोतीलाल वोरा ने मध्य प्रदेश की राजनीति में निर्णायक भूमिका अदा की थी जब अर्जुन सिंह का पतन हुआ तो उसके बाद मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए अर्जुन सिंह को राजीव गांधी ने पंजाब का राज्यपाल बना कर भेज दिया था ।

अर्जुन सिंह के राजनीतिक पराभव के बाद मध्य प्रदेश में माधवराव सिंधिया तथा मोतीलाल वोरा की जोड़ी प्रसिद्ध हो गई मोतीलाल वोरा का मुख्यमंत्री कार्यकाल कई मायनों में अच्छा साबित हुआ उनकी राजनीतिक पकड़ मजबूत होती चली गई राजीव गांधी का तो उन्हें वरदहस्त प्राप्त था ही और राजीव गांधी के खास दोस्त माधवराव सिंधिया जो कि उस समय केंद्रीय मंत्री थे उन्होंने भी मोतीलाल वोरा सरकार को भरपूर समर्थन दिया असल में मध्य प्रदेश की राजनीति में जब अर्जुन सिंह ताकतवर हुए तो उन्होंने अपने विरोधियों को एक-एक करके चित्त करना शुरू कर दिया कृष्ण पाल सिंह हजारीलाल रघुवंशी सुरेश सेठ यज्ञदत्त शर्मा जैसे दिग्गज उनके निशाने पर रहे और अर्जुन सिंह इन सभी को दरकिनार करने में सफल रहे लेकिन मोतीलाल वोरा अर्जुन सिंह की कोप दृष्टि से बचे रहे ।

मोतीलाल वोरा के कार्यकाल में वल्लभ भवन में उनके सचिवालय के दरवाजे सभी के लिए खुले रहते थे एक बार ललित जैन के माध्यम से मुझे भी वोरा जी से मिलने का मौका मिला वे बेहद सहज होकर बातें करते थे उस दौरान मोतीलाल वोरा तथा माधवराव सिंधिया इंदौर में शनिवार दर्पण अखबार के कार्यालय में भी आए थे और उन्हें बुलाने का श्रेय ललित जैन को ही जाता है हालांकि ललित जैन भी अब हमारे बीच नहीं हैं । उल्लेखनीय है वोरा जी की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उनके राजनीति में दुश्मन बहुत कम थे यही वजह है कि वे अंतिम समय तक भी कांग्रेस हाईकमान के चहेते बने रहे ।