आप के पूर्व विधायक के धेरे में सीएम केजरीवाल, पूछे ये सवाल

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक जरनैल सिंह ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों पर अपनी ही पार्टी के दोहरे रवैये पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा दिल्ली विधानसभा में केंद्रीय कृषि कानूनों की कापी फाड़ने को नौटंकी का करार दिया है। वही, जरनैल सिंह ने कहा कि, ऐसा कतई नहीं हो सकता कि आप केंद्र सरकार का साथ भी दें और किसानों का हमदर्द होने का दम भी भरते रहें। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ वर्ष 2017 में पंजाब के लंबी से चुनाव लड़ने वाले जरनैल सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल सहित सभी दलों को इस मसले पर सियासत ना करने की सलाह दी है।

पूर्व विधायक जरनैल सिंह ने आगे कहा कि, मैं पत्रकार होने के नाते दिल्ली सरकार के द्वारा विधानसभा के बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान खेती बिलों की कार्रवाई पर तकनीकी बात को रखना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि, अरविंद केजरीवाल एक तरफ दिल्ली में इन काले कृषि कानूनों को 23 नवम्बर के गजट नोटफिकेशन निकाल कर लागू करते हैं और दूसरी तरफ खेती बिलों को फाड़ने की नौटंकी करते हैं। अगर दिल्ली सरकार सच में कृषि बिलों के खिलाफ है तो दिल्ली सरकार अपने 23 नवम्बर के नोटिफिकेशन को रदद क्यों नहीं किया।

साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार, छत्तीसगढ, राजस्थान सरकार का हवाला देते हुए कहा कि, केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने की बावत इन राज्यों ने अपना नया कानून पास कर दिया। ताकि केंद्र के तीनों कानून उनके राज्य में प्रभावी ना हो सकें। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा बिलों के फाड़ने को केवल वाहवाही बटोरने एवं खबर लगवाने की कोशिश करार दिया है।

पूर्व विधायक जरनैल सिंह का दावा है कि, इन बिलों को विधानसभा में फाड़ने का कोई वैधानिक औचित्य नहीं है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक ही बिल की प्रतियां थी, जिसे आप विधानसभा में फाड़े। उन्होंने कहा कि, विधानसभा कानून पास करने के लिए होती है, बिल फाड़ने के लिए नहीं। लिहाजा, आप विधानसभा में बिल फाड़े या अपने घर पर रखें इसका कोई मतलब नहीं है।

पूर्व विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि, एक तरफ महाराष्ट्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनी की बावत राय लेने के लिए बाकायदा कमेटी बनाई है, लेकिन दिल्ली सरकार ना नया कानून बना रही है और ना ही अपने नोटिफिकेशन को रद्द कर रही है। किसान ठंड से मर रहा है, लिहाजा इस मसले पर कतई सियासत ना की जाए।

उन्होंने कहा कि, अफसोस है कि सभी पार्टियांं मिलकर ड्रामा कर रही हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर भी हमला बोला। उन्होंने आगे कहा कि, केंद्र में कैबिनेट मंत्री रहते हुए अकाली दल की नेता पहले इन बिलों का समर्थन करती हैं और बाद में इन बिलों को लेकर नाटक करती हैं। इसलिए नाटक इतना मत करो। आप किसानों के साथ भी हो और किसानों के खिलाफ भी हो ये नहीं चलेगा।