मध्यप्रदेश में मिली निराशाजनक हार, दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में कही यह बड़ी बात

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बीते दिन याने 10 नवंबर मंगलवार को एमपी में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव का नतीजा आया। इस नतीजे में कहीं भी कांग्रेस बीजेपी को टक्कर नहीं दे पाई। और बीजेपी ने बहुत ही आसानी से अपना बहुत मत साबित कर दिया। कल के नतीजे के बाद से यह बात तो साफ हो गई कि अब सरकार बीजेपी की ही होगी। और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही होंगे। लेकिन इस उपचुनाव के नतीजे को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने  बड़ी बात कही

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि प्रदेश में हुए उपचुनाव का नतीजा हमारे पक्ष में नहीं गया उसका विश्लेषण होना चाहिए। हम कुछ इलाके में बहुत ही करीब से हारे। ग्वालियर चंबल क्षेत्र में 16 सीटों पर से 7 सीटों पर हमने विजय हासिल की, भांडेर में फूल सिंह बरैया जी केवल 171 वोट से हारे। लोगो को यह लगता था कि सिंधिया जी के जाने के बाद कॉंग्रेस खत्म हो जाएगी लेकिन उनके जाने के बाद से एक नै कांग्रेस पार्टी बन कर कड़ी हो गई है।

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड और मालवा निमाड़ में नतीजे हमारे पक्ष में नहीं रहे। इस चुनाव में पूरी पार्टी के होकर ही लड़ी है कहीं भी पार्टी में किसी भी प्रकार कि गुटबाजी की शिकायत नहीं आई। कांग्रेस के सभी कार्यकर्त्ता एवं सभी जनो को धन्यवाद। जिन मतदाताओं ने हमें मत दिए उनके प्रति आभार।

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दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है और भी करेगी। लेकिन हम सबको अन्याय और अत्याचार के ख़िलाफ़ एक होकर यह जंग लड़ना है। यह मार्ग कठिन है संघर्ष पूर्ण है चुनौती पूर्ण है। लेकिन कॉंग्रेस पार्टी संघर्ष में ही मज़बूती के साथ खड़ी होती है। और हर चुनौती पार्टी के लिए में अवसर भी है।

उन्होंने कहा कि हमे कॉंग्रेस पार्टी को नया स्वरूप देना होगा। कमलनाथ जी के नेतृत्व में रही 15 महीनों की सरकार में किसानों के हित में क़र्ज़ माफ़ी बिजली के बिलों में किसानों व आम परिवारों को राहत विधवा तथा वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि जैसे जनहित में लिए गए निर्णयों को पालन कराने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।

दिग्विजय ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है नेहरू गांधी परिवार के नेतृत्व में हम जनता का विश्वास फिर जीतेंगे। भाजपा ‘जन बल’ को दबाने के लिए ‘धन बल’ का भरपूर उपयोग करेगी। लेकिन देश में भाजपा के नेतृत्व में गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ गरीब मज़दूर, किसान व वंचित वर्गों के साथ खड़ा होना पड़ेगा।

और हम कामयाब होंगे।