एक्शन शिवराज और मतदान की पहेली बूझते राजनेता

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कहीं बहुत भारी कहीं मध्यम और कहीं पर कम मतदान ने उम्मीदवारों और भाजपा-कांग्रेस के कर्णघरों को चिंता में डाल दिया है, वह जनादेश देने के लिए निकले मतदाताओं ने जिस ढंग से मतदान किया है उसकी पहेली बूझने में व्यस्त हो गए हैं। चुनाव की गहमागहमी और भागमभाग से अब रिलेक्स होने की भाजपाई और कांग्रेसी नेता कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक मोर्चे पर एक्शन में आने के साथ ही मतदान के प्रतिशत को लेकर फीड बैक लेते नजर आ रहे, तैनात किए गए अपने मंत्रियों से विस्तृत जानकारी भी उन्होंने ली। शिवराज ने अपने निवास पर भाजपा पदाधिकारियों जिनमें प्रदेश अध्यक्ष शर्मा सहित कुछ प्रदेश पदाधिकारी शामिल थे, के साथ बैठक की और मतदान प्रतिशत का फीडबैक लिया।प्रशासनिक मोर्चे पर शिवराज ने अधिकारियों के साथ बैठक की और उसमें निर्णय हुआ कि मध्यप्रदेश में अब नहीं बिकेंगे चीनी पटाखे और बेचने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई, लव जिहाद के विरुद्ध कानून बनाया जाएगा, बेटियों के विरुद्ध अपराध करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई तथा सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति का फ्लेक्सी प्लान बनाया जाएगा। शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा चीनी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि चीनी पटाखों पर रोक लगने से अखबारों में हेडलाइन बन सकती है लेकिन इलाज नहीं हो सकता।ग्वालियर नगर निगम ने एक चीनी कंपनी को कचरा उठाने का ठेका दिया है। चीन से लड़ना है तो मुख्यमंत्री बड़े ठेकों से चीनी कंपनी को बाहर करें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अपने आवास पर पूर्व मंत्रियों सहित 28 सीटों के प्रभारियों से एक-एक सीट की विस्तृत जानकारी ली।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने भितरघात करने वाले नेताओं पर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है और दो पूर्व विधायकों तथा एक पूर्व प्रत्याशी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। एक पूर्व विधायक को पार्टी पहले ही बाहर का रास्ता दिखा चुकी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सुमावली के पूर्व भाजपा विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार “नीटू” को घोर अनुशासनहीनता के कारण पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। यह कार्यवाही 1 नवंबर 2020 को की गई और उसी दिन शाम को चुनाव प्रचार थम गया था। शर्मा ने मतदान के बाद दूसरे दिन ही पूर्व मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. गौरीशंकर शेजवार, उनके पुत्र मुदित शेजवार तथा सुमावली के पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार को पार्टी प्रत्याशियों के विरुद्ध एवं पार्टी विरोधी गंभीर शिकायतों के मिलने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 7 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। जहां तक गजराज सिंह सिकरवार और सत्यपाल सिंह सिकरवार का सवाल है तो वह खाटी भाजपाई नहीं थे बल्कि सत्पाल के पिता गजराज सिंह पूर्व में समाजवादी नेता रहे हैं और बाद में भाजपा में शामिल हो गए तथा भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए और उनके बेटे सत्यपाल 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर विधायक बने। गजराज सिंह के बेटे सतीश सिकरवार ने 2018 का विधानसभा चुनाव ग्वालियर पूर्व से लड़ा था और वह कांग्रेस के मुन्नालाल गोयल से हार गए थे। जब गोयल भाजपा में आ गए तो सतीश कांग्रेस में चले गए और दोनों फिर से पार्टियां बदलकर आमने सामने उपचुनाव में डट गए।

जहां तक डॉ. गौरीशंकर शेजवार का सवाल है वह खाटी भाजपा नेता और पार्टी का एक बड़ा दलित चेहरा हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे डॉ. शेजवार की गिनती मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भी होती रही है। शेजवार जनता पार्टी सरकार में संसदीय सचिव रहे तथा भारतीय जनता पार्टी की सुंदरलाल पटवा, उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान की सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे हैं। पार्टी संगठन में भी वह पदाधिकारी रहे हैं। डॉ. शेजवार को समझाने के बहुत प्रयास किए और यहां तक की वह पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के काफी नजदीक माने जाते रहे हैं और उमा भारती दो से अधिक बार प्रचार के लिए सांची गई और लगता है उनकी समझाइश भी शायद भाजपा के काम नहीं आई और पिता-पुत्र ने भितरघात किया। यह प्रतिध्वनि पार्टी अध्यक्ष द्वारा उन्हें दिए गए नोटिस से निकलती है। 2018 के चुनाव में डॉ. शेजवार के बेटे मुदित शेजवार भाजपा उम्मीदवार थे और उन्हें कांग्रेस के प्रभुराम चौधरी ने पराजित किया था।प्रभुराम अब दलबदल के बाद शिवराज सरकार में मंत्री हैं एवं सांची क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार भी। सांची क्षेत्र में डॉ. शेजवार और प्रभुराम चौधरी एक दूसरे के लंबे समय से प्रतिद्वंदी हैं। दोनों ही एक दूसरे को चुनाव में शिकस्त देते रहे हैं तथा 2018 के चुनाव में डॉ. शेजवार के पुत्र मुदित प्रभुराम से चुनाव हार चुके हैं। दलबदल के बाद एक ही पार्टी में तीनों नेता सांची में हो गए थे और इनके रिश्ते सामान्य नहीं हो पाए। एक प्रकार से शेजवार परिवार का राजनीतिक भविष्य ही दाव पर लग गया था, क्योंकि सांची में अब शेजवार की जगह प्रभुराम चौधरी भाजपा के चेहरे हैं।

गजराज सिंह सिकरवार डॉ. गौरीशंकर शेजवार तथा उनके पुत्र मुदित शेजवार को दिए गए कारण बताओ नोटिस में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि सात दिवस के भीतर उनके समक्ष उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करें तथा चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर एक तरफा कार्यवाही की जाएगी।
और अंत में, भितरघात के नोटिस भाजपा नेताओं को जारी किए जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने चुटकी ली है कि भाजपा में बिकाऊ- टिकाऊ के झगड़े चुनाव निपटते ही सड़क पर आये ,बिकाऊ के दबाव में टिकाऊ को नोटिस और टिकाऊ मोर्चा खोलने की तैयारी में!