इन डिजिटल रथों पर “शिवराज तो विश्वास है” की जगह “ शिवराज है तो अविश्वास है “ नारा होना चाहिए – नरेंद्र सलूजा

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भोपाल: मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस कोरोना महामारी में जहां हर वर्ग परेशान है , कर्मचारियों को एरियर नहीं मिल रहा है , उनका डीए रोक दिया गया है , उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल रहा है , हर वर्ग आंदोलनरत है , गरीबों को राशन नहीं मिल रहा है , प्रदेश में लौटा मजदूर रोजगार को लेकर भटक रहा है , ऐसे संकट काल में भी भाजपा लाखों खर्च कर हाईटेक चुनावी डिजिटल रथ तैयार कर उसे निकाल रही है , बड़ा ही शर्मनाक है।

सलूजा ने बताया कि इस रथ पर नारा लिखा गया है शिवराज है तो विश्वास है यह पूरी तरह से गलत है , जबकि होना यह चाहिये कि शिवराज है तो अविश्वास है। आज के समय में ना प्रदेश की जनता को शिवराज नाम पर विश्वास है , ना खुद भाजपा के नेताओं को इसीलिए तो भाजपा की मंत्री इमरती देवी कहती है कि शिवराज जी मेरे क्षेत्र में झूठे नारियल मत छोड़ना।

सलूजा ने कहा कि इन डिजिटल रथों पर नारे तो यह होना चाहिये कि-
•शिवराज है तो अविश्वास है।•शिवराज है तो झूठी घोषणाएँ है।•शिवराज है तो कलाकारी व झूठ का खेल है।
•शिवराज है तो झूठे चुनावी नारियल फोड़े जायेंगे।
•शिवराज है तो किसान परेशान है।•शिवराज है तो बहन-बेटियाँ असुरक्षित है।
•शिवराज से तो किसानो का कर्ज माफ नहीं होगा।
•शिवराज है तो प्रदेश में माफिया राज है।
•शिवराज है तो प्रदेश में मिलावटखोरी है।
•शिवराज है तो सत्ता व कुर्सी की तड़प है।
•शिवराज है तो प्रदेश में निवेश नहीं।
•शिवराज है तो प्रदेश में निवेशको को विश्वास नहीं।
•शिवराज है तो युवाओं को रोजगार नहीं।
•शिवराज है तो प्रदेश में जंगलराज है।
•शिवराज है तो सौदेबाजी की सरकार है।
•शिवराज है तो झूठे निवेश के दावे हैं।
•शिवराज है तो झूठी इन्वेस्टर्स समीट है।
•शिवराज है तो प्रदेश से उद्योगों का पलायन है।
•शिवराज है तो भारी भरकम बिजली बिलों की भरमार है।
•शिवराज है तो प्रदेश में कुपोषण चरम पर है।
•शिवराज है तो प्रदेश शिशु मृत्यु दर में शीर्ष पर है।
•शिवराज है तो किसान रोज़ आत्महत्या कर रहा है।
•शिवराज है तो भ्रष्टाचार चरम पर है।
•शिवराज है तो फर्जीवाड़ा है।
•शिवराज है तो रोज़ घोटाले हैं।
•शिवराज है तो बेरोजगारी चरम पर है।
•शिवराज है तो गौवंश सड़कों पर है।
•शिवराज है तो लच्छेदार भाषण है।
•शिवराज है तो प्रदेश का नागरिक क़र्ज़दार है।
•शिवराज है तो प्रदेश में विज्ञापन की सरकार है।
•शिवराज है तो हर वर्ग परेशान है।

इस तरह के नारे डिजिटल रथों पर लिखे जाने चाहिए क्योंकि शिवराज जी के प्रति प्रदेश की जनता की यही सोच है।